Home धर्म/ज्योतिष “राम नाम सत्य है ” क्यों कहा जाता है ? अंतिम संस्कार के समय। जानना है बहुत जरुरी।

“राम नाम सत्य है ” क्यों कहा जाता है ? अंतिम संस्कार के समय। जानना है बहुत जरुरी।

by Current Good News
0 comment

राम नाम सत्य है” का वाक्य भारतीय धार्मिक परंपरा और संस्कृतियों में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह वाक्य खासकर हिन्दू धर्म में मृत्यु के समय और उसके बाद बोला जाता है। इस वाक्य को विशेष रूप से अंतिम संस्कार के समय और शव को जलाते समय बोला जाता है। इसके पीछे धार्मिक, सांस्कृतिक और मानसिक कारण हैं।

1. धार्मिक विश्वास और आत्मा के उर्ध्वगमन का संकेत:

  • हिन्दू धर्म में विश्वास है कि शरीर की मृत्यु केवल आत्मा के शरीर से अलग होने की प्रक्रिया है। मृत्यु के बाद आत्मा परमात्मा (भगवान) के पास जाती है। “राम नाम सत्य है” का अर्थ होता है कि राम (जो भगवान का नाम है) ही सत्य है और आत्मा उसी परम सत्य की ओर जाती है।
  • यह वाक्य आत्मा के परमात्मा के साथ मिलन का प्रतीक माना जाता है। “सत्य” का अर्थ है कि भगवान का नाम सच्चा है और यही सत्य जीवन का अंतिम और शाश्वत सत्य है।

2. राम का नाम सर्वोत्तम है:

  • हिन्दू धर्म में राम को सर्वोत्तम भगवान माना जाता है। उनके नाम का जाप हर किसी के लिए एक पवित्र कार्य होता है, क्योंकि राम का नाम माया (अस्थायी संसार) से परे सत्य और परमात्मा से जुड़ा होता है।
  • “राम नाम सत्य है” का मतलब यह है कि जो राम का नाम लेता है, वह सत्य के मार्ग पर चलता है और उसकी आत्मा भगवान के पास जाती है।

3. मृत्यु को स्वीकार करना और शांति की प्राप्ति:

  • यह वाक्य मृत्यु के डर को दूर करने के लिए भी बोला जाता है। जब किसी व्यक्ति की मृत्यु होती है, तो परिवार और प्रियजन यह वाक्य बोलकर यह जताते हैं कि मृत्यु एक स्वाभाविक और अनिवार्य प्रक्रिया है, और यह शरीर का त्याग करना केवल एक पारगमन है।
  • “राम नाम सत्य है” आत्मा की शांति और मुक्ति की कामना के रूप में बोला जाता है। यह वाक्य शांति और समर्पण का प्रतीक है, जिससे मृतक के परिवार और मित्रों को सांत्वना मिलती है।

4. आध्यात्मिक शुद्धता और मोक्ष:

  • राम के नाम का उच्चारण आध्यात्मिक शुद्धता की ओर एक कदम बढ़ाना माना जाता है। हिन्दू मान्यता के अनुसार, राम का नाम लेते समय मन, वचन और क्रिया शुद्ध होते हैं। मृत्यु के समय “राम नाम सत्य है” कहना एक प्रकार से आत्मा के मोक्ष की दिशा में एक कदम और बढ़ाना होता है।
  • यह वाक्य मुक्ति की कामना और व्यक्ति के आत्मा के भगवान के साथ एकाकार होने की कामना को व्यक्त करता है।

5. शब्दों का प्रभाव और मानसिक शांति:

  • हिन्दू धर्म के अनुसार, मृत्यु के समय राम का नाम व्यक्ति के जीवन को शांति और संतुलन प्रदान करता है। “राम नाम सत्य है” का उच्चारण एक मानसिक स्थिति को स्थापित करता है जिसमें मृत्यु को एक शांतिपूर्ण और सकारात्मक घटना के रूप में देखा जाता है।
  • यह वाक्य दुख और शोक के समय भी शांति का अहसास दिलाने का कार्य करता है और परिवारजनों को यह समझाने में मदद करता है कि जीवन और मृत्यु एक सतत चक्र है।

6. इतिहास और परंपरा:

  • यह वाक्य भारतीय संस्कृति और परंपरा का हिस्सा है, जो प्राचीन काल से चला आ रहा है। भारत में हर क्षेत्र में राम के नाम का जाप एक पवित्र कार्य माना जाता है। मृत्यु के समय इस नाम का उच्चारण जीवन के एक चरण के समाप्त होने और एक नए प्रारंभ की दिशा को सूचित करता है।
  • पौराणिक कथाओं और धार्मिक ग्रंथों में भी यह बताया गया है कि भगवान राम का नाम जीवन और मृत्यु दोनों में शुभ होता है।

निष्कर्ष:

“राम नाम सत्य है” का वाक्य मृत्यु के समय व्यक्ति के आत्मा के परमात्मा से मिलन की ओर एक संकेत है। यह वाक्य एक शांति, समर्पण और मोक्ष की प्रतीक है। इसके माध्यम से यह जताया जाता है कि भगवान का नाम ही अंतिम सत्य है और मृत्यु केवल एक शारीरिक परिवर्तन है, आत्मा का अंत नहीं। यह वाक्य न केवल मृतक के लिए, बल्कि उसके परिवार और प्रियजनों के लिए भी एक सांत्वना और मानसिक शांति का साधन है।

You may also like

Leave a Comment

करंट गुड न्यूज़ दुनिया भर में होने वाली महत्वपूर्ण घटनाओं को कवर करने वाली एक समाचार एजेंसी है। हम मीडिया संगठनों और उपभोक्ताओं को वैश्विक स्तर पर सामान्य और व्यावसायिक समाचार प्रदान करते हैं।

संपर्क करें

Our Visitor

000915
Total Users : 915

समाचार पत्रिका

Subscribe my Newsletter for new blog posts, tips & new photos. Let's stay updated!

ताजा खबर

@2024 – CurrentGoodNews All Right Reserved. Designed and Developed by Brightcode